लोग कहते हैं ज़मीं पर किसी को खुदा नहीं मीलता
शायद उन लोगों को दोस्त कोई तुम-सा नहीं मिलता
किस्मतवालों को ही milati है पनाह कीसी के dil में
यूं हर शख़्स को तो जन्नत का पता नहीं milata
अपने सायें से भी ज़यादा यकीं है मुझे तुम पर
अंधेरों में तुम तो mil जाते हो, साया नहीं milata
इस बेवफ़ा zindagi से शायद मुझे इतनी मोहब्बत ना होती
अगर इस ज़िंदगी में दोस्त कोई तुम जैसा नहीं milata
मानता हूँ कुछ गम मैंने दोस्तों से छुपाए हैं
कहना चाहता हूँ मगर kya करूँ हौसला नहीं मिलता
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चिराग को बुझा दो,रोशनी की जरूरत क्या है
पास मेरे तुम हो , तस्वीर की जरूरत क्या है
होऊँगा जब उम्रे गुलाम , माँग लूँगा खुद ही
अभी से किसी के सहारे की जरूरत क्या है
जो भाग्य में लिखा होगा, वही तो होगा
तकदीर से तकरार की जरूरत क्या है
जिसे मिला आसमां, वह उसका नसीब है
सोचकर मन खराब करने की जरूरत क्या है
तकदीर से ज्यादा, कम किसी को नहीं मिला
हम खुदा नहीं, खुद कोसने की जरूरत क्या है
Tuesday, December 8, 2009
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