ऐसा दोस्त चाहिए जो हमे अपना मान सके,
जो हमारे दिल को जान सके,
चल रहे है हम तेज़ बारिश मे,
फिर भी पानी मे से आँसुओ को पहचान सके!!!!
ख़ुश्बू की तरह मेरी सांसो मे रहना
लहू बनके मेरी नसनस मे बहना,
दोस्ती होती है रिश्तो का अनमोल गेहना
इसलिए इस दोस्ती को कभी अलविदा ना कहना
शैदाई समझ कर जिसे था दिल में बसाया ।
कातिल था वही उसने मेरा कत्ल कराया ॥
दुनिया को दिखाने जो चला दर्द मैं अपने,
हर घर में दिखा मुझको तो दुख दर्द का साया ।
किसको मैं सुनाऊँ ये तो मुश्किल है फसाना
दुश्मन था वही मैने जिसे भाई बनाया ।
मैं कांप रहा हूँ कि वो किस फन से डसेगा,
फिर आज है उसने मुझसे प्यार जताया ।
आकाश में उड़ता था मैं परवाज़ थी ऊँची,
पर नोंच मुझे उसने जमीं पर है गिराया ।
Monday, December 21, 2009
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