Tuesday, December 8, 2009

कोई दीवाना कहता है

मत करो कोई वादा जिसे तुम निभा न सको,

मत चाहो उसे जिसे तुम पा न सको,

प्यार कहाँ किसी का पूरा होता है,

इसका तो पहला शब्द ही अधूरा होता है.. !!

...............ISKA JAWAB...............


माना की प्यार का पहला अक्षर अधूरा है,

लेकिन 'प' को निकल दो तो यार रह जाता है

और आप जैसा यार हो

तो ज़िंदगी से भी प्यार हो जाता है



...............REMEMBER ALWAYS………..


यूं तो प्यार करने वाले तुम्हें कम न मिलेंगे,

मिल जाएंगे हम जैसे बहुत ,,, पर हम न मिलेंगे.




...............NOW ENJOY...............



उन्हें भूलने की कोशिश की मैंने,

दिल ने कहा याद करते रहना...

वो हमारे दर्द की फरियाद सुने न सुने,

अपना तो फ़र्ज़ है उन्हें प्यार करते रहना...............

कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
मै तुझसे दूर कैसा हू तू मुझसे दूर कैसी है
ये मेरा दिल समझता है या तेरा दिल समझता है
मोहबत्त एक अहसासों की पावन सी कहानी है
कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है
यहाँ सब लोग कहते है मेरी आँखों में आसूं है
जो तू समझे तो मोती है जो ना समझे तो पानी है
मै जब भी तेज़ चलता हू नज़ारे छूट जाते है
कोई जब रूप गढ़ता हू तो सांचे टूट जाते है
मै रोता हू तो आकर लोग कन्धा थपथपाते है
मै हँसता हू तो अक्सर लोग मुझसे रूठ जाते है
समंदर पीर का अन्दर लेकिन रो नहीं सकता
ये आसूं प्यार का मोती इसको खो नहीं सकता
मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना मगर सुन ले
जो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा हो नहीं सकता
भ्रमर कोई कुम्दनी पर मचल बैठा तो हंगामा
हमारे दिल कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोह्बत्त का
मै किस्से को हक्कीकत में बदल बैठा तो हंगामा
बहुत बिखरा बहुत टूटा थपेडे सह नहीं पाया
हवाओं के इशारों पर मगर मै बह नहीं पाया
अधूरा अनसुना ही रह गया ये प्यार का किस्सा
कभी तू सुन नहीं पाई कभी मै कह नहीं पाया

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